लोक सभा एवं राज्य सभा में अंतर (Loksabha or Rajyasabha Me Antar)

भारतीय संविधान के आधार पर अपने देश में दो सदनीय व्यवस्था की गई है, एक लोकसभा तथा दूसरा राज्य सभा, लोकसभा को ‘आम जनता का सदन’ या निम्न सदन कहा जाता है, राज्य सभा को उच्च सदन या ‘राज्यों का परिषद्’ कहा जाता है, लोकसभा के पास वास्तविक कार्यकारी शक्ति होती है, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री के द्वारा किया जाता है

लोक सभा (LokSabha)

  • इसका कार्यकाल पांच साल का होता है |
  • इसमें अधिकतम सदस्य संख्या 552 है |
  • इसे निम्न सदन या आम जनता का सदन कहा जाता है|
  • लोकसभा का सदस्य बनने के लिए आयु 25 वर्ष निर्धारित की गई है |
  • लोकसभा केंद्रीय स्तर पर काम करती हैं। इसके सदस्यों को सांसद, खासदार या MP (मेंबर ऑफ़ पार्लियामेंट) कहा जाता है।
  • लोकसभा चनाव के द्वारा में पूरे देश के लोकप्रतिनिधि चुन के आते है
  • धन विधेयक केवल लोकसभा में पेश और संशोधित किए जा सकते हैं।
  • लोकसभा के मामले में, लोकसभा का अध्यक्ष इसका प्रतिनिधि होता है ।

राज्य सभा (RajyaSabha)

  • राज्यसभा के सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है, इसके एक-तिहाई सदस्य प्रत्येक 2 वर्ष में सेवा-निवृत होते हैं |
  • इसमें अधिकतम सदस्य संख्या 250 है |
  • इसे उच्च सदन या ‘राज्यों की परिषद्’ कहा जाता है|
  • राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए आयु 30 वर्ष निर्धारित की गई है |
  • राज्यसभा के लिए आम लोगों के द्वारा चुनाव नहीं होता।
  • राज्यसभा के पास धन विधेयक को पेश करने या संशोधित करने की शक्ति नहीं है।
  • भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का प्रतिनिधि होता है।