ऑनलाइन धोखाधड़ी (Online or Digital Fraud) : बचाव के तरीके और तकनीक

इंटरनेट ने पूरी दुनिया में काम करने के तरीके को बदल दिया है। हालाँकि इंटरनेट ने डिजिटल धोखाधड़ी से पैसा बनाने वालो के नए तरीकों के लिए रास्ता भी बनाया है। आइये जानते हैं की डिजिटल धोखाधड़ी क्या है और इस से कैसे बचा जा सकता है। इस ब्लॉग को जायदा से जायदा लोगो तक शेयर कीजिये ताकि जयादा से जायदा लोग इस से अवगत हों।

डिजिटल धोखाधड़ी क्या है?

डिजिटल, इंटरनेट या ऑनलाइन धोखाधड़ी तब होती है जब हैकर्स और धोखेबाज इंटरनेट का उपयोग करके किसी से पैसा या कोई गुप्त जानकारी धोखे से प्राप्त कर ले।

समय समय पर सरकार या कोई विशेष संश्थान लोगो को ऑनलाइन धोखाधड़ी से अवगत करा तो रहे हैं लेकिन साथ हीं इंटरनेट धोखाधड़ी साल-दर-साल बढ़ रही है। जब कोविड महामारी ने दस्तक दी और लोग वर्क फ्रॉम होम , ऑनलाइन काम करने लगे, तो डिजिटल धोखाधड़ी के मामले भी और सामने आने लगे।

डिजिटल धोखाधड़ी के प्रकार और उन्हें कैसे रोकें

डिजिटल धोखाधड़ी या ऑनलाइन धोखाधड़ी अलग अलग प्रकार के होते हैं।

फिसिंग (Phising)

फ़िशिंग एक प्रकार का ऑनलाइन फ्रॉड है जहां अपराधी व्यक्तियों को धोखाधड़ी वाले ईमेल, टेक्स्ट मैसेज या फोन कॉल भेजते हैं, आमतौर पर एक विश्वसनीय ब्रांड होने का नाटक करते हैं, ताकि उन्हें सामने वाले व्यक्ति के बैंकिंग और क्रेडिट कार्ड के बारे में और पासवर्ड जैसी संवेदनशील जानकारी धोखे से प्राप्त हो जाये । फ़िशिंग कई तरीकों से काम कर सकती है, जैसे कि लिंक वाले ईमेल या टेक्स्ट के माध्यम से या किसी विश्वसनीय ब्रांड या कंपनी की आड़ में निजी या वित्तीय जानकारी का अनुरोध करना।

ओटीपी-आधारित धोखाधड़ी (OTP-based frauds)

ओटीपी धोखाधड़ी से कैसे बचें? ओटीपी, पिन या व्यक्तिगत विवरण कभी भी किसी के साथ किसी भी रूप में साझा न करें। नियमित रूप से एसएमएस और ईमेल की जांच करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपकी जानकारी के बिना कोई ओटीपी उत्पन्न नहीं होता है।

IVR आधारित धोखाधड़ी (IVR Based Fraud)

IVR आधारित धोखाधड़ी आजकल बहुत तेजी से फ़ैल रही है , मोबाइल पर फ़ोन आने पर एक कंप्यूटर वॉइस (Voice ) या ह्यूमन वॉइस सुनाई देगी फिर किसी भी कारन वश कोई एक नंबर को इनपुट या बटन प्रेस करने का प्रस्ताव आएगा, और फिर इसी का फयदा उठाकर हैकर सामने वाले से कोई गोपनीय जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।

डिजिटल धोखाधड़ी से बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं करें

क्या करें ?

  • अपने मोबाइल (Mobile) और ईमेल (Email) को चेक करते रहिये ,अगर कोई भी संदिग्ध SMS या Mail आये तो तुरंत अपने बैंक, या संसथान से संपर्क करें।
  • अगर आपका कोई क्रेडिट कार्ड(Credit Card) या लोन है तो अपना सिबिल रिपोर्ट (CIBIL Report) चेक करते रहे हैं और यह सुनिश्चित कर लें की आपके पैनकार्ड (PAN Card) पे आपके जानकारी के बिना कोई और लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं है।

क्या नहीं करें

  • किसी भी अनजान आदमीं को OTP या पासवर्ड (Password) कभी न शेयर करें चाहे वो फ़ोन पर किसी कंपनी या बैंक के अधिकारी के रूप में आपसे बात कर रहा हो।
  • अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड की कोई जानकारी किसी को न दें भले ही वो आदमी किसी बैंक का कोई अधिकारी क्यों न हो।
  • मोबाइल फ़ोन के WhatsApp या SMS में आये संदिग्ध link पर click न करें।
  • सबसे जरुरी बात, कभी भी लालच में न आएं, धोखाधड़ी करने वाले तरह तरह के प्रलोभन देते हैं जिस से की आपको बचना चाहि।
अगर आप इन सब चीजों पर ध्यान देंगे तो आपके डिजिटल फ्रॉड के शिकार होने की सम्भावना ना के बराबर होगी।

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